शनिवार, 12 सितंबर 2015

पण्डित और बच्चा

एक पण्डित जी
पत्राचार से 12वीं कक्षा पास हैं ।
हर बात में अपनी विद्वत्ता दिखाते हैं ।

एक दिन एक बच्चे से उलझ गये ।

बच्चे ने भी एक प्रश्न दाग दिया कि,
"वो कौन-सी वस्तु है, जो कभी अपवित्र नहीं होती......?"

पण्डित जी टोपी उतार कर पसीने-पसीने हो गये, मगर, उस बच्चे के प्रश्न का जवाब नहीं दे पाये ।
आखिर, हार मान कर बोले, चल तू बता ।

बच्चे ने कहा कि कभी न अपवित्र होने वाली वस्तु  है,
टैन्ट हाउस के गद्दे, जिसे......

हिन्दू,-मुसलमान से ले कर पण्डित, चमार, डोम और भंगी तक इस्तेमाल करते हैं । ये गद्दे मैयत से लेकर पूजा पण्डाल तक और धार्मिक कथा से ले कर उठावनी तक हर मौके पर बिछते हैं । इनको कोई सुतक भी नहीं लगता ।
बाराती भी इन गद्दों पर सोम-रस पीने के बाद वमन करते हैं । छोटे बच्चों को सुविधानुसार इन पर पेशाब करा दिया जाता है । इतना ही नहीं, इन पर बिछी चादरों से जूते भी चमका लियेे जाते हैं । हद तो तब होती है, जब हलवाई इन चादरों में पनीर का चक्का लटका देता है । उसी  पनीर से क्या मजे का मटर-पनीर बनता है......!!
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                   पण्डित चारों खाने चित था.....!!

बच्चा पण्डित जी पर पानी के छीटे मार रहा था......!!
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उन गद्दों और उनकी चादरों के बारे में अब आप का क्या  ख़याल है ......?
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