शुक्रवार, 11 सितंबर 2015

सरदार, एक बनिये  के यहां शादी में गया।


पेश है एक मजेदार किस्सा

एक बार की बात है कि एक सरदार, एक बनिये  के यहां शादी में गया।

शादी का  पंडाल बड़ा भव्य था और उसमें अंदर जाने के लिए 2 दरवाजे थे।

एक दरवाजे पर रिश्तेदार, दूसरे पर  दोस्त लिखा था।

सरदार, बड़े फख्र से  दोस्त वाले दरवाजे से अंदर गया।

आगे फिर 2 दरवाजे थे,
एक पर महिला, दूसरे पर  पुरुष लिखा था।

सरदार पुरुष वाले दरवाजे से अंदर गया।

वहां भी 2 दरवाजे और थे,

एक पर  गिफ्ट (gift) देने वाला,
दूसरे पर बिना गिफ्ट (without-gift) वाले लिखा था।

सरदार को हर बार अपनी मर्जी के दरवाजे से अंदर जाने में बड़ा मजा आ रहा था | उसने ऐसा इंतजाम पहली बार देखा था |

सरदार बिना-गिफ्ट (without-gift) वाले दरवाजे से अंदर चला गया।

जब अंदर जाकर देखा तो सरदार बाहर गली में खड़ा था।

और वहॉं  लिखा था... शर्म तो आ नहीं रही होगी,

बनिये की शादी और मुफ्त (free) में रोटी खाएगा???

जा-जा बाहर जा और हवा खा..:'

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